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।। श्री राम जय राम जय जय राम ।।                      GOLDEN BOOK OF WORLD RECORDS
हनुमान जी की महिमा
जब हनुमान जी ने लंका का दहन किया था, तो उस समय बहुत से जीव जंतु उस दहन में जल गए थे। उसके लिए हनुमान जी को यह प्रायश्चित करना था कि ब्रह्म के निमित्त ब्राह्मण भोज कराने से ब्रह्म हत्या का दोष कम होगा। कोई भी भक्त हनुमान जी के कृपा प्राप्ति के लिए हनुमान जी के निमित्त कितने ही ब्राह्मण जीमाए तो उसे हनुमान जी की कृपा प्राप्त होगी। यहाँ पर भक्त हनुमान जी को भोग लगाकर ब्राह्मण को जीमाए व दक्षिणा देकर ब्रह्म की कृपा की प्राप्ति करे।
हनुमान जी भक्तों के उसी प्रकार कार्य सिद्धि एवं मनोकामना पूर्ण करते हैं, जैसे राम जी के कार्यों की सिद्धि की थी। भगवान राम को भी हनुमान जी की सहायता लेनी पड़ी थी, हमें भी हनुमान जी की सहायता मिले अतः हनुमान जी की भक्ति करनी चाहिए।
"जय जय जय हनुमान गोसाई, कृपा करो गुरुदेव के नाई।"

मंदिर में व्यवस्था
  • सुंदरकांड के पाठ
  • रामायण के पाठ
  • हनुमान जी के कीर्तन
  • शिवजी के सहस्त्र घट
  • यज्ञ, जप, जीमन
  • रामधुनी

भोग
  • गेहूं का चूरमा
  • रोट
  • गुड-चने
  • बूंदी के लड्डू
  • पान का बीड़ा
  • तुलसी माला
  • दाने
  • बर्फी
  • विशेष प्रसाद हेतु मंदिर के पुजारी से संपर्क करें।

पोशाक : पोशाक बनवाने हेतु पुजारी से संपर्क करें|
हनुमान जी का चोला : सिंदूर, चमेली, देसी घी, चांदी के वर्क, प्रसाद, फूल-माला, अगरबत्ती, दीया-बत्ती आदि

श्री हनुमत धाम (स्थापित 1961)

श्री न र व र आश्रम सेवा समिति
(रजि नं 311/जयपुर/87 -88)

श्री खोले के हनुमान जी प्रन्यास
(रजि नं 41 जयपुर 2015)

श्री खोले के हनुमान जी

श्री न र व र आश्रम, बाबा श्री निर्मल दास जी का खोला, लक्ष्मण डूंगरी, दिल्ली रोड, जयपुर-302002 (राजस्थान)

फोन : 0141-2631415, 2631416

Email : narvarashram@yahoo.com

Web: https://www.kholekehanumanji.org/

हमारा उद्देश्य: भारतीय संस्कृति के मूल आधारों पर जीव-मात्र की आध्यात्मिक एवं धार्मिक उन्नति